صحيفة المثقف

حزن الحب

جمعة عبد اللهللشاعر اليوناني اوديسيوس أيليتس

(Οδυσσεας Ελυτης)

ترجمة: جمعة عبدالله


سأحزن عليكِ دائماً

وحدكِ في الجنة

سأبحث عن الخدوش التي تركتيها

في راحة اليد . القدر . مثل حامل الاقفال

عن اللحظات التي تسامرت معنا

وإلا كيف الناس تحب

ستظهر السماء التي تحمينا

عندما يضرب العالم البراءة

في مأساة الموت الاسود

*

سأحزن على الشمس، وانعي للسنوات الآتية

التي تمر دوننا، أغني لتلك السنوات التي مرت بنا

إن كانت هذه الحقيقة

تنطق الاجساد والقوارب تتفجر بعذوبة

في القيثارات التي تومض تحت الماء

تصدقين أو لا تصدقين

واحدة في الهواء . واحدة في الموسيقى

الحيوانتان الصغيرتان في ايدينا

تبحثان في الخفاء وتتسلق فوق بعضهما البعض

وعاء الزهور يقطر بالندى على البوابات المفتوحة

القطع البحرية جاءت معنا

الاحجار الجافة خلف الاسوار

شقائق النعمان تجلس في يديكِ

يرتعش اللون الأرجواني ثلاث مرات

على مدى ثلاثة أيام فوق الشلالات

إن كانت هذه الحقيقة، أنا اغني

في اعمدة الغرفة الخشبية، في الجدران الاربعة

على الحائط حورية البحر بشعرها المسدول

قطتنا تتطلع في الظلمة

الطفل بالبخور والصليب الاحمر

يمشي الى حافات الصخور

أنعي الملابس التي لمستها، التي جاءت الى العالم .

***

النص اليوناني:

Θα πενθώ πάντα -μ` ακούς;- για σένα،

μόνος، στον Παράδεισο

 

ΙΘα γυρίσει αλλού τις χαρακιές

Της παλάμης، η Μοίρα، σαν κλειδούχος

Μια στιγμή θα συγκατατεθεί ο Καιρός

Πως αλλιώς، αφού αγαπιούνται οι άνθρωποι

Θα παραστήσει ο ουρανός τα σωθικά μας

Και θα χτυπήσει τον κόσμο η αθωότητα

Με το δριμύ του μαύρου του θανάτου.

II

Πενθώ τον ήλιο και πενθώ τα χρόνια που έρχονται

Χωρίς εμάς και τραγουδώ τ` άλλα που πέρασαν

Εάν είναι αλήθεια

Μιλημένα τα σώματα και οι βάρκες που έκρουσαν γλυκά

Οι κιθάρες που αναβόσβησαν κάτω από τα νερά

Τα πίστεψέ με και τα μη

Μια στον αέρα، μια στη μουσική

Τα δυο μικρά ζώα، τα χέρια μας

Που γύρευαν ν` ανέβουνε κρυφά το ένα στο άλλο

Η γλάστρα με το δροσαχί στις ανοιχτές αυλόπορτες

Και τα κομμάτια οι θάλασσες που ερχόντουσαν μαζί

Πάνω απ` τις ξερολιθιές، πίσω απ` τους φράχτες

Την ανεμώνα που κάθισε στο χέρι σου

Κι έτρεμε τρεις φορές το μωβ τρεις μέρες πάνω από

τους καταρράχτες

Εάν αυτά είναι αλήθεια τραγουδώ

Το ξύλινο δοκάρι και το τετράγωνο φαντό

Στον τοίχο، τη Γοργόνα με τα ξέπλεκα μαλλιά

Τη γάτα που μας κοίταξε μέσα στα σκοτεινά

Παιδί με το λιβάνι και με τον κόκκινο σταυρό

Την ώρα που βραδιάζει στων βράχων το απλησίαστο

Πενθώ το ρούχο που άγγιξα και μου ήρθε ο κόσμος.

***

..........................

ملاحظة: هذه القصيدة كتبت اثناء اقامته في باريس عام 1969. والشاعر اوديسيوس أيليتس (حائز على جائزة نوبل للاداب عام 1979). احب حبيبة وهام بها عشقاً، ولكن القدر خطفها الى الجنة، وتركته في مضاجع الحزن والفراق

جمعة عبدالله

 

 

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